"सुप्रभात" देखो, रात हो गई है
"सुप्रभात" (भविष्यवाणी)
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शुक्रवार शनिवार में बदल गया
देखो, रात हो गई है
उठो, चिंता मत करो, हे मठ
मेरे प्यारे भाई और बहन।
माता पिता के चरणों में कोटि कोटि नमन
आशीर्वाद की स्वीकृति
उसके बाद सीना दुनिया में हैं
सिर ऊपर हम चलते हैं!!!
आज शनिवार है शनि देव
एक भक्ति मूर्ति को किनारे कर दिया गया
भगवान को पुकारो और चलते रहो
डर छोड़ो।
एक अच्छा इंसान बनने के लिए
जन्मदिन मुबारक हो जानेमन
सरल क्रियाएँ कोमल क्रियाएँ होती हैं
मन में थोड़ा भरा हुआ।
मनुष्य को मनुष्य के रूप में देखें
कीड़े मक्खियों की तरह नहीं दिखते
धन का अहंकार अहंकार से चूर हो जाता है
भटक मत जाओ।
धन आज है और कल नहीं रहेगा
मनुष्य आसपास होंगे
दोस्ती की डोर मजबूत थी
खतरे में पड़ जाएगा।
स्नेह का बंधन इससे परे है
यह मरते दम तक चलेगा
धन के विचार के साथ आओ
कुछ दिनों में दरवाजा खुल जाएगा।
रिश्तों का दौलत से कोई लेना-देना नहीं है
काम के बाद प्यार
मानवता फली-फूली
भगवान अपने होंगे।
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