कुट्टक की मच्छर के ट्रैंनिंग
🦟 कटलफिश का प्रशिक्षण 🦟
कटक का बड़ा चिकित्सा केंद्र
दीवार से देखें
खामोश रात में चार मच्छर
आदमी को उठा लिया।
एक आदमी हवा में उड़ रहा है
पुलिस बल ने देखा
वह अपने घुटनों पर पहुंच गया
प्रशिक्षण केंद्र पास।
हजारों मच्छर
कौन क्या है?
कौन शहरी है और कौन आवारा
सीवरेज हाउस।
काय आया और गाँव की बाँस की छड़ी छोड़ गया
लैटिन से कौन
जो एसपी क्वार्टर से आए थे
जो भी डीजी के घर से है।
कलेक्टर हाउस वीआईपी मच्छर
प्रशिक्षण वह देता है,
मुनिकी पॉलिटी मशान चीर
मंच नीचे गिर जाता है।
प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया गया
मुख्य मुद्दा था,
मानव रक्त कैसे चूसें
वह फैसला चलता रहा।
मिठाई की दुकान का मच्छर रघुसाहू
अपना भाषण रखा,
प्यारा मच्छर खड़ा था
कहा कुछ कहेगा।
मुझे मनुष्य की कोई इच्छा नहीं है
मेरा मन महिलाओं पर है।
सुंदर युवती को चूमो
मुझे मेरी आदत दो।
वर्जित स्थानों में कान भरता है
तिल लग जाए तो,
तब उसकी लाज दूर हो जाती है
तेज खुजली होती है।
श्रोता भाषण दे रहे हैं
एक भाग्यशाली,
प्रेमियों का प्यार भरा आलिंगन
दर्शन आत्मसमर्पण करता है।
साहित्यिक मच्छर संदेश देता है
कवि शब्द खोज रहा था,
कवि ताजा खून नहीं चाहता
तब अवशोषित।
इतने सारे मच्छर
अनुभव बताता है
इंसान का खून बहुत मीठा होता है
लगभग सभी ने कहा।
मच्छर अंदर कैसे आते हैं?
राष्ट्रपति से पूछा,
मच्छरों ने कोई उत्तर नहीं दिया
वह चुपचाप बैठा रहा।
तो राष्ट्रपति ने कहा जवाब
सुनो प्यारे कुत्तो,
मच्छरों की भरमार है
तुम्हें पता है कि तुम फंस गए हो।
अगर एक आदमी दो लेता है
मच्छर भगाता है,
उस समय मच्छरों के बीच
आप प्रवेश करेंगे।
और एक सूत्र का पाठ किया गया
सुनो मच्छरों!
गाय मेकुशी की खाल तोड़ रही है
तुम्हारे कान बड़े हैं।
इसलिए मच्छर को मारने के लिए
आज ही अभ्यास करें।
शुभरात्रि मच्छर गैस के लिए
कभी मत देखो।
मनुष्य हमारी जाति को नष्ट कर रहे हैं
इसके साथ रहो
मच्छरों की नस्ल नित्य बढ़े
एक सौ आठ अंडे दें।
देखते हैं वह कितने लोगों को मारेगा
जैसे-जैसे हम बढ़ते हैं,
हे मनुष्य की आँखों की कसम
नींद खोना।
नरेंद्र मोदी जहां जरूरत है
अवश्य मिलना चाहिए
वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के संबंध में
अवगत कराया
अन्य जानवर शिकार बने
आदमी जेएल जाता है।
हमें इंसानों ने मार डाला
छूट कहाँ मिलती है?
और राष्ट्रपति आदेश देता है
सुनो, प्यारे कुत्तो।
पोस्टर प्रिंट करें और राजधानी जाएं
कर गोटे अभियान।
इस जनता को एक करें
असली मच्छर मुंह
दोपहर में हाईवे पर
वे पैसे लूटते हैं।
खून चूसने वाला नेता बेचारा
डेंगू के मच्छर की तरह,
गण कुजिनेता मलेरिया मच्छर
भीड़ चिल्लाती है।
मन हो तो मच्छरों की सुनो
उनका खून पियो
मासूम गरीब मरीज को
कभी दुर नही जाना।
नेता के खून से राजनीति की गंध आती है
डॉक्टर का नुस्खा
ओकेलिया का खून पानी में है
ठेकेदार नीला है।
खून के अलग-अलग स्वाद खाओ
कवि के पास मत जाओ
वायरस मुक्त हो सकता है
उसे कुछ खून दो।
इन शब्दों के कारण वह सो गया
मच्छरदानी खुल गई है।
मुरुख सुबास स्वप्न में कहते हैं
ओह, मुझे मच्छरों से छुटकारा मिल गया।
Post a Comment