🙏🙏 माँ 🙏🙏 ऐसा प्यार कौन देगा।



मंदिर का मुखिया उसकी मां का बेटा है

शब्द है मधु

अपना पेट थपथपाएं और अपनी पीठ थपथपाएं

ऐसा प्यार कौन देगा।

जीवन में कितना कष्ट सहा है

दस महीने तक गर्भ में रखना

मल के साथ गीला बिस्तर

दिन बीत गया, वह मुस्कुराया।

दूध पिलाकर खून मिला दिया

  वह गर्भपात भूल गया है

महिला जन्म अलग है

मैंने इसे प्यार में नहीं किया।

उसके लिए बेटा-बेटी दोनों बराबर हैं

गर्भ ने वही कष्ट सहा है

उसका सिर उसकी छाती पर झुक जाता है

बसुधा के बाद उन्होंने शान से सहन किया है।

मैं तुम्हारी माता का ऋण नहीं समझ सकता

मंदिर बनेगा

आपका प्यार, आपकी दया, आपके मीठे बोल

सरगा आपका सबसे अच्छा उदाहरण है।

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