"सुप्रभात" | बुधिबमान को आज बुधवार है


 "सुप्रभात" (भविष्यवाणी)

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रात बीत गई और अंधेरा हो गया

मेरे भाई और बहन जागो

माता-पिता का मुखिया

आशीष लविबा फिर से

बुधिबमान को आज बुधवार है

भक्ति भाव से पूजा करें

माता की कृपा बनी रहती है

चलो आगे बढ़ते हैं।

सुंदरता के बाद धन के बाद

कभी डगमगाना नहीं

जिंदगी की जंग हार जाओगे मेरे दोस्त

प्यार आशाहीन है।

रब्बी परिका त्रिकालधती कि

सीता को ले गया

हम जानते हैं कि भगवान श्रीराम का जीवन

उन्होंने अपनी जान दे दी थी।

वासना हमेशा पीछे खींचती है

जीवन में शांति नहीं है

मानव अराजकता भगवान की अराजकता है

कष्ट के दिन बीत रहे हैं।

कामुकता एक बहुत ही घटिया पेशा है

हाइपोथर्मिया का कारण बनता है

मानव जीवन अनमोल है

समय से पहले विनाश होता है।

विवेक समाज का नेतृत्व करता है

ओ मेरी सहेली बांधवी

मैं आपके हित के लिए कुछ लिख रहा हूं

मेरी गलती नहीं रहेगी।

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