बैसाख
बैसाख
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वसंत जल्द ही आ रहा है
गर्मियां आ गई हैं
सूर्य की किरणों से शरीर गर्म होता है
यह बहुत बड़ा समय है।
तालाब का पानी सूख जाता है
पानी सख्त हो जाता है
भीषण गर्मी जोरों पर है
घास से जल गया।
मूर्ख व्यक्ति ने पेड़ को काट डाला
नैश ने जानवर किया
इसलिए हम पीड़ित हैं
यह सर्वनाश है।
दिन पर दिन गर्मी बढ़ती गई
यह सड़क पर नहीं हो रहा है
ऐसा लगता है जैसे वह सूर्य देवता हैं
लाल गुस्से में है।
सावधान रहना ही एक पेड़ लगाना है
पर्यावरण की रक्षा होगी
हरा मंत्र सुचारू होगा
प्रकृति की रक्षा होगी।
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